किताब मेरा घर है जिसके एक कोने में
जब कभी थक जाता हूँ
सो जाता हूँ मैं
दुसरे कोने में
सारे शब्द इकट्ठे हो जाते हैं तब
वे मेरी थकान को समझते हैं
इसलिए ख़ाली कर देता हैं
मेरा कोना – मेरा कमरा
किताब के भीतर शब्द चलते फिरते इंसान हैं
उनमें एक शब्द मेरी प्रेमिका है
और एक शब्द मैं
अक्सर एक शब्द ‘प्रेम’
हम दोनों के बीच पड़ा रहता है |
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