एक अन्य युवक जान गया
कि हमारे बीच एक धागा है रिश्ता नहीं,
पुल है बस
उसने षड़यंत्र रचा की धागे को तोड़ सके
वह मेरी सबसे सुन्दर चिड़िया को
बांधकर ले जाना चाहता है
वह अपने मनोयोग से आंधी बना
धागा टूट तो गया
पर वह अब भी हमारे बीच है
उसने मुझसे पूछा-
की जो आँधी अफवाह बनकर आई है
क्या वह सच है?
मैंने कह दिया- नहीं !
अब कभी कोई आँधी
अफ़वाह बनकर नहीं लौटेगी
ना कभी कोई जान पाएगा
आँधियों का सच |
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