Tuesday 26 June 2018

दिल की बात

एक शब्द है "याद"
वो आती है
सबसे नन्ही चिड़िया आती है
बारिश की पहली बूंद आती है
तुम्हारी आहट आती है

एक होता है "इंतज़ार"
वो ख़त्म नहीं होता
भूख ज़िन्दा रखती है
छाया हर सांझ में उभर आती है

एक होती है कविता
वो तुम हो
सबसे पहली, सबसे प्यारी

एक ज़रूरत होती है, आवाज़ देना मुझे
एक होती है दीवानगी
उसको समझो
बस इतना समझो
दूसरा एक शब्द है
"मैं", कभी नहीं होता- दूसरा ।

यादों के शहर में

एक रात चाँद आया तकिए तले
बोला कोई बात नहीं 
मैंने ख़ालीपन में, खुले आकाश में छोड़ दिया ख़ुद को
सबसे नन्ही चिड़िया आई 
सबसे मीठी बोली बोली

क्या पंछी साथ निभाते होंगे?
क्या पंछी दोस्त बनाते होंगे?

समंदर की सबसे प्यारी मछली बोली
रेलगाड़ी में बैठा एक सवाल आया 
खिड़की में खड़ी एक लड़की बोली
"प्यार नहीं"
ओ मेरे साथी, सरहद तो ओहदे की बनाई होती !

यारा, दीवानगी कम है तुझमें
सच कहूँ तो
फिर भी ज़िक्र तुम्हारा होगा
"यादों के शहर में"
यादों का शहर, इक़ हमारा होगा ।