Monday 5 February 2018

होता है आभास

एक पूरी रात जागा था याद है?
तब सिर्फ़ तुम्ही ने मुझसे बातें की थी
मैं उस रात का कर्ज़दार हूँ

मुझे चोट लगी थी
तब तुम्ही ने मेरे घावों की परवाह की थी
मैं उस घाव का कर्ज़दार हूँ

तुमने पहली बार मेरे कंधे पर हाथ रखा था
याद है?
मेरी चिंता जानने के लिए
मैं उस स्पर्श का कर्ज़दार हूँ

मैं अपनी माँ का कर्ज़दार नहीं हूँ
ना ही पिता का
मैं एक भर का कर्ज़दार हूँ
हक़ है मेरा तेरा प्रेम
तेरे प्रेम का कर्ज़दार तो नहीं हूँ

और अपनी पृथ्वी को कन्धों पर उठाने का भार भी
मैंने अब तक नहीं लिया है
मैं अपने कर्तव्य का गुनेहगार तो नहीं हूँ |

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