एक भविष्य वक्ता ने कहा-
अगर उसने तुम्हें पड़ लिया पूरा
तो तुम्हारी आत्मा उसकी देह में उतर जायेगी
और तुम एक हो सकोगे
मैंने ख़ुद को एक कविता में उतार लिया
पूरा का पूरा
उसने मुझे पड़ना शुरू किया
किसी अनजान अड़चन की वज़ह से वह उठ गई
अंतिम पंक्ति पड़े बिना
तब जसे अब तक
मैं एक पंक्ति में कैद हूँ
ख़ामोश
उसे मेरी फ़िक्र है
और मुझे सिर्फ़ और सिर्फ़ उसी का इंतज़ार |
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