वह हमेशा खुला रखना चाहता है दरवाज़ा
और दीवारों को
गिरा देना चाहता है
असहनीय हो रहा है सिर के ऊपर भार
वह छत को फूँक मारकर
उड़ा देना चाहता है
लेकिन फिर भी
बना रहना चाहता है एक कमरा
ताकि कभी भी कोई आ सके
कभी भी कोई जा सके
बेहिचक
अब वह आसमान में तब्दील होना चाहता है
एक दिन
मेरा कमरा बोल पड़ा |
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