Monday 5 February 2018

इस्तीफ़ा

आज जब मैं अपने ऑफिस गया
वहां मैंने देखा
सारे कर्मचारी पक्षी हो गये हैं
पर सबके पंख गायब थे
सबकी उड़ान बाकी थी
वे अपने ख्याबों की कुर्सी पर बैठे
घडी के कांटे हो गये थे
जो टिक टिक तो कर रहे थे
पर सिर्फ, गुज़र रहे थे

मैंने अपने मालिक से कहा
मुझे मेरे पंख लौटा दीजिए
मैं अपनी उड़ान पूरी करना चाहता हूँ

मुझे पंख वापस नहीं मिले
एक दिन गुस्से में
मैंने उन्हें अपना इस्तीफ़ा थमा दिया
और मेरे पंख उगना शुरू हो गए |

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