एक दुसरे को हम उतना ही जानते हैं
जितना हमारी यादों में
रह जाते हैं- मुलाकातों के पल
मैं अपने हिस्से का पा रहा हूँ
जो खोता है
वह किसी और का हिस्सा होगा
मैं तुम्हें उससे ज्यादा जानता हूँ
जितना वे पल मुझे बताते हैं
वे महसूस करते हैं
तुमने मुझे बस दूर से देखा है |
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