मैंने तेरी यादों को धागे से बाँध लिया है
और लौट आया हूँ
आदिमानव के युग में
जब काटने वाली कोई भी चीज़ न थी
अब एक उम्र लगेगी पत्थर तलाशने में
की धागा काट सकूं
मेरे हिस्से एक ही उम्र आई है
तो बेहतर है
तलाशूँ अपनी रूह ली उन्मुक्त्ता
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