Sunday 10 December 2017

मौन में बात

आवाजों में से संवाद चुराकर 
कह देना अपना मौन 
चुप्पी का एकालाप मत बुनना 
मेरे लिए 

मौन की अपनी एक भाषा है 
दो दिलों के बीच 
जब निःशब्द होता है 
तब प्रेम होता है मौन 

पक्षियों की देह और फरों के बीच 
जब दबा होता है 
तब उड़ान होता है मौन 

भीतर से ही दबे हुए 
आकाश छू लेने का सपना देखता है 
जब में नज़रे उठाता हूँ 
आसमान की ओर 
तब रंगीन बादल होता है मौन 

जब तुम मुझे सुनना चाहो 
तो मेरे मौन को सुन लेना 
अक़्सर 
मेरी आवाज़ होता है
मौन 

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