वह कहती है ... आप कहाँ हो?
लगता है उसे कह दूं
जहाँ भी प्रेम लिखा है
वहाँ तू है
और उन दो अक्षरों की रिक्तता में, मैं हूँ
जब हम जी चुके होंगे जीवन
तब दो देह जलाई जाएँगी
तुम्हारी और मेरी
यमराज चौंक जाएगा जब उसे दो देह में,
एक ही आत्मा मिलेगी
( एक साथ )
तब वह अपने रजिस्टर में सिर्फ़
तुम्हारा नाम लिखेगा
तुम्हारे नाम के आगे कोष्टक बनाया जाएगा
जिसमें लिखा होगा
मेरी आत्मा का सच
( रिक्तता में )
कि वह तुम्हारी ही आत्मा में भीतर कहीं है
मैं तुम्हे क्या कहूँ
कि मैं कहाँ हूँ?
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