Sunday 10 December 2017

साथी सुनो न !

साथी ...सुनो न!
अब थोड़ा ठहर जाते हैं 

दो बातें कर लें 
जो भी तुम्हें कहना था कह डालो 
कुछ मेरी भी सुनना 
फिर, शामिल हो जाएँगे 
दौड़ कहाँ ठहरती है 
देखो, हमारे पाँव के निशान कह रहे हैं 

साथी ...सुनो न!
अब थोड़ा ठहर जाते हैं 
हम पिछ्ड़ेंगे नहीं आगे निकल जाएँगे 

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