कितना भयानक होता है वह मौन
जिसके पीछे छिपी होती है
आवाज़
और वह समय कितना भयानक होता है
जब तू जानना चाहती है
मेरी उदासीनता का राज़
जानता हूँ कि तेरे अलावा कोई भी तो नहीं मेरा
मैं तुझे सब कुछ कहना चाहता हूँ
पर चुप रहता हूँ
कितनी भयानक होती है वह
चुप्पी
ख़ामोशी
कभी कभी भयानक चीख़ होती है
भयानक होता है
तुझे सामने देखकर अन्देखा कर देना
और मान लेना की तू
मेरी तलाश नहीं है
प्रेम कभी कभी भयानक रास्ता होता है
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