कहाँ से आती है आवाज़
कैसे मोहब्बत कहते हैं
प्यार क्यों ऐसे करना सीखा की भनक भी न लगी?
अलगाव की आहट का अंकुर कब फूटा था?
बातें क्यों निगल जाती हैं भावनाएँ
समय को उदासी क्यों खाती है?
प्रेम में, 'हाँ' कैसे हो सकता है इतना कठिन शब्द
जब रात सिरआने से उठेगी
सूरज शरीर को रौंदेगा
सबसे शातिर चोर है अलविदा, साथ खो चुका होगा |
कैसे मोहब्बत कहते हैं
प्यार क्यों ऐसे करना सीखा की भनक भी न लगी?
अलगाव की आहट का अंकुर कब फूटा था?
बातें क्यों निगल जाती हैं भावनाएँ
समय को उदासी क्यों खाती है?
प्रेम में, 'हाँ' कैसे हो सकता है इतना कठिन शब्द
जब रात सिरआने से उठेगी
सूरज शरीर को रौंदेगा
सबसे शातिर चोर है अलविदा, साथ खो चुका होगा |
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