Monday 20 April 2020

रवैया

तुम कहो मेरे दोस्त हो 
और अब हम दोस्त हैं 
कभी कहना आकर अचनाक प्रेम 
मैं तुम्हारे प्रेम में पढ़ जाऊंगा 
सबकुछ इतना सहज है |

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