प्रेमिका को जब भी स्पर्श करो
टूटे कांच की तरह पकड़ना
थोड़ी ग़लती और हाथ कट जायेगा
साँसों की अदला बदली से जीते हैं
जहाँ भी मिले हैं,
समुद्र और धरती होंठों से मिले हैं
धरती को रही होगी प्रतिबिंब से नफ़रत
समुद्र आसमान की समर्पित प्रेमिका है
शरीर कभी नहीं मानता बुरा
प्रेम में सारी चोटें दिल पे लगती हैं
टूटे कांच की तरह पकड़ना
थोड़ी ग़लती और हाथ कट जायेगा
साँसों की अदला बदली से जीते हैं
जहाँ भी मिले हैं,
समुद्र और धरती होंठों से मिले हैं
धरती को रही होगी प्रतिबिंब से नफ़रत
समुद्र आसमान की समर्पित प्रेमिका है
शरीर कभी नहीं मानता बुरा
प्रेम में सारी चोटें दिल पे लगती हैं
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