Saturday 4 April 2020

वास्तविकता

प्रेमिका को जब भी स्पर्श करो 
टूटे कांच की तरह पकड़ना 
थोड़ी ग़लती और हाथ कट जायेगा 

साँसों की अदला बदली से जीते हैं 
जहाँ भी मिले हैं, 
समुद्र और धरती होंठों से मिले हैं
धरती को रही होगी प्रतिबिंब से नफ़रत 
समुद्र आसमान की समर्पित प्रेमिका है 

शरीर कभी नहीं मानता बुरा 
प्रेम में सारी चोटें दिल पे लगती हैं

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