हवाओं के गलियारे पार कर
चुप्पी की सीढ़ियों से
बाहों का समंदर सिरआने आया
प्रेम की चादर ओढ़
छुअन की गर्मी बगल में लेटी पूरी रात
चुंबन के संवादों से भीगे थे जज़्बात
देह ने जी भर की थी बहकी बहकी बात
अहसास ने जमकर अपनी चाल चली थी
दिल भी दिल से मिला था पहली बार
रात के सपने ने दिन में गोता लगाया
थी कल्पना साथ, उसने प्यार निभाया
गोई से तने पे उसने एक दिल बनाया
जानती थी मेरा नाम
संग अपना नाम सजाया
चुप्पी की सीढ़ियों से
बाहों का समंदर सिरआने आया
प्रेम की चादर ओढ़
छुअन की गर्मी बगल में लेटी पूरी रात
चुंबन के संवादों से भीगे थे जज़्बात
देह ने जी भर की थी बहकी बहकी बात
अहसास ने जमकर अपनी चाल चली थी
दिल भी दिल से मिला था पहली बार
रात के सपने ने दिन में गोता लगाया
थी कल्पना साथ, उसने प्यार निभाया
गोई से तने पे उसने एक दिल बनाया
जानती थी मेरा नाम
संग अपना नाम सजाया
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