मेरी कविताएँ
मेरी कहानियाँ
मेरे नाटक
मेरे स्क्रीनप्ले
मेरे गीत
किस्से ज़िंदगी के
Wednesday 5 January 2022
चाह
चेहरे पे झुर्री रास नहीं
जाए जवानी फिर बात नहीं
सोचता हूँ कितना कुछ करना है
और वक़्त से पहले मरना है
कितना कम समय बचा है
कितनी मोहब्बत करना है |
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment