कौन बताए ग्यारह क़िस्से
किसके हिस्से?
मेरे हिस्से का एक क़िस्सा था
सबने गिने अठारह क़िस्से
मैंने एक एक क़िस्से का
कितना सारा सूत चुकाया
मूल चुकाया, भूल चुकाया
बोलो अब
बनेंगे बाक़ी जो इन क़िस्सो से
उन बेचारे क़िस्सों का क्या होगा?
अब तुम जब भी बुनना
सोच के अपने क़िस्से बुनना ।
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