Saturday 1 January 2022

विनिमय

कान का परिचय, आँख की बात 

बातें... बहकी बातें 


वह बहकी बातें 

जो भी तुमने कही थीं बातें 


मैं तुमको अपनी बात बताऊँ?


पागल करती चाह की फांस 

देना मुझको 

सीरत की फितरत, आँख का आंसू 


क्या कुव्वत इनमे?

ये साले जिस्मानी हिस्से 


मैं तुमको अपनी बात बताऊँ?


दिल के बदले में दिल लूँगा 

और कोई हिसाब नहीं | 


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