Sunday 12 July 2020

एहतियात

असमय

वो भी आना, न था
बुलाना था
बुलाना, न था | लगाना था

कितना कुछ था गले लगाने को
कितना कुछ था झूल जाने को

कि पूछ लो हाल उसका

एक दूसरे का हाल पूछना ही
इस समय में,
हमारी सबसे बड़ी ज़रूरत है !

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